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Ritual Games

खेल की सम्पूर्ण जानकारी

जसपुर और बस्तर क्षेत्र में लोक खेल

 छत्तीसगढ़ प्रदेश की उत्तर - पूर्वी क्षेत्र , प्रमुखतः अम्बिकापुर, कोरिया और जसपुर जिला , उत्तर प्रदेश और झारखण्ड की सीमा को छूते हैं I यह क्षेत्र पर्वतीय है और यहाँ वन की बहुलता है I छत्तीसगढ़ के इस भू-भाग के निवासियों की रहन-सहन , वेशभूषा और बोली मैदानी क्षेत्रों के सदृश्य नहीं है I ठीक इसी तरह लोक खेलों के सम्बन्ध में कहा जा सकता है I छत्तीसगढ़ में गिल्ली के लिए ईभ्भा शब्द का प्रचलन मिलता है वहीं जसपुर क्षेत्र में बिति शब्द का प्रचलन है I खेल गिल्ली-डंडा का ही है किन्तु पृथक-पृथक नाम से जाना जाता हैं I इसी तरह घर के अन्दर सरलता से खेले जाने वाला भोट्कुल को चालगोटी के नाम से जाना जाता हैं I मैदानी क्षेत्र का भोट्कुल और जसपुर क्षेत्र की चालगोटी के स्वरुप में पर्याप्त अंतर नहीं है I मैदानी क्षेत्र में भोट्कुल के लिए पांच-पांच डुबुल (गड्ढा) के दो क्रम होता है जबकि जसपुर क्षेत्र में सात-सात डुबुल के दो क्रम रखे जाते हैं I
गिल्ली अर्थात बिति और भोट्कुल अर्थात चालगोटी के आलावा और भी लोक खेलों की परंपरा पूर्वी छत्तीसगढ़ क्षेत्र में विकसित हुई है I संडउवा लोक खेल को इस क्षेत्र में गोबर्धन कहा जाता है I इसी तरह पिट्टुल को पिट्ठू , सांखली को होड़दा, भिर्री को धुर्रे,और चुहउल को झाड़ बेंदरा कहा जाता है I बांटी के लिए आंटा शब्द का तथा छू - छूवउल के लिए बीस शब्द का प्रचलन मिलता है I इस क्षेत्र के अन्य लोक खेल हैं - गादीतुवा, चट्टी-पक्की , बीटा व धंधा - मुंदी I
छत्तीसगढ़ का दक्षिण भाग भी वन सम्पदा व पर्वत से घिरा हुआ है जो बस्तर संभाग में आता है I यहाँ के निवासी , विकास की मुख्य धारा से आज भी बहुत पीछे हैं I आँध्रप्रदेश की सीमा को स्पर्श करते भू-भाग में आदिवासियों की बहुलतया है जो गोड़ी और हल्बी बोली से परिचित हैं I यहाँ की लोक संस्कृति में प्रचलित लोक खेलों को गोड़ी और हल्बी बोली में ही जानते हैं I जैसे गिल्ली शब्द के लिए है ईबा I इसी तरह गोटा से सम्बंधित खेल को कोंत,रेसटीप को लुकासाई , आन्धिचापाटी को कानाबोध, चुहउल को चिकलौंडी और भिर्री को नुनचोर कहते हैं I इस बस्तर के निवासी भौंरा , बांटी ,पिट्टुल तथा संडउवा लोक खेल से भी परिचित हैं । शीत ऋतु में यहाँ के बच्चे संडउवा अधिक खेला करते हैं , ऐसा ही ग्रीष्म काल में गोटीमार नामक खेल का प्रचलन अन्य खेलों से बढ़ जाता है I
छत्तीसगढ़ प्रदेश के जसपुर व बस्तर दोनों ही क्षेत्र में अनेक लोक खेलों का प्रचलन मिलता है I सभी लोक खेल सभी जिले या क्षेत्र में नहीं खेले जाते किन्तु गिल्ली - डंडा , भिर्री .भौंरा ,चुहउल,बांटी तथा संडउवा ऐसे खेल हैं जो मैदानी क्षेत्र में ही नहीं बल्कि जसपुर व बस्तर क्षेत्र में भी प्रचलित है I इन खेलों का स्थानीय बोली में नाम पृथक है किन्तु प्रकृति में पर्याप्त अंतर नहीं हैं I

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