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Ritual Games

खेल की सम्पूर्ण जानकारी

पर्व से संबंधित लोक खेल

 छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति में तीज -त्यौहारों का बड़ा महत्त्व है। प्रत्येक त्यौहार को ग्रामीण बहुत ही उत्साह और श्रद्धा से मानते हैं। इन त्यौहारों का अपना - अपना स्वरुप और मान्यता है । जो असाढ़ माह के जुड्वास से प्रारम्भ होती है।

ऋतु से संबंधित जहाँ अलग-अलग लोक खेलों की परम्परा मिलती है वहीँ विभिन्न तीज त्यौहारों से भी संबंधित लोक - खेल प्रचलित है।
पर्व से संबंधित लोक खेलों का अस्तित्व सीमित दिनों तक होता है । पर्व के साथ, संबंधित खेलों को भी भुला दिया जाता है । फिर वही प्रतिदिन के खेलों में बच्चे व्यस्त हो जाते हैं। वर्ष बीतता है । जैसे- जैसे तीज त्यौहार आती है। संबंधित खेल फिर प्रचलन में आ जाते हैं। ऐसे खेलों के पीछे धार्मिक मान्यता भी होती है और मनोरंजन भी। छत्तीसगढ़ में विकसित पर्व से संबंधित सर्वाधिक खेलों में युवा व सजोर व्यक्तियों की भूमिका होती है। इन खेलों का उद्देश्य भले ही मनोरंजन होता है किन्तु इन्हें प्रदर्शन का खेल ही कहा जा सकता है। इन खेलों में खिलाड़ी या प्रतिभागी के अलावा अनेक दर्शकगण द्वारा उत्साह को बढ़ावा मिलता है और खेल का आकर्षण बढ़ जाता है।

पर्व से संबंधित लोक खेल -


१. नारियल फेंक ,२. कुस्ती , ३. बइला दौड़, ४. पुतरा-पुतरी, ५. गेंड़ी, ६. मटकी फोर ।

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