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Ritual Games

खेल की सम्पूर्ण जानकारी

पेड़ के पत्तो से संबंधित लोक खेल

 पेड़ो की दुनिया में आंवला, महुआ, आम, पीपल व बरगद का पेड़ देव तुल्य है। हिन्दु धर्म में यह पेड़ पूजनीय है। इन पेड़ों की लकड़ी को चूल्हे में जलाया नहीं जाता। जलाया जाता है तो पूजा-हवन के रूप में । छत्तीसगढ़ में इन पेड़ों के महत्व को दर्शाता एक तथ्य प्रचलित है -

बर काटे बईमान, पीपर काटे चंडाल

कोई भी बच्चे, वर्ग भेद या असमानता से परिचित नहीं होते। उनकी नजर में प्रत्येक पक्ष मनोरंजन प्रदान करने वाला होता है। जहां पेड़ के उपर-छू-छुवउल व चुहउल नामक लोक खेल का प्रचलन मिलता है वहां पेड़ के पत्ते कैसे अछूते रहते । परम्परा में पत्तों से संबंधित लोक-खेल भी विकसित हुए हैं। यह खेल मात्र आम, पीपल व बरगद के पेड़ से संबंध रखते हैं। ऐसे लोक खेल निम्नलिखित हैं -


1. फिलफिली 2. पानालरी 3. तुतरू
पेड़ के पत्तों से संबंधित संपूर्ण लोक खेल व्यक्तिगत अर्थात एकल लोक खेलों की श्रेणी में आते हैं। इनकी परंपरा को हजारों वर्ष पूर्व माना जा सकता है। अन्य मौसम में प्रायः कम ही देखने को मिलता है परंतु ग्रीष्म ऋतु में इन खेलों का प्रचलन बढ़ जाता है ।

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