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Ritual Games

खेल की सम्पूर्ण जानकारी

लंगरची की प्रक्रिया से संबंधित लोक खेल

लोक खेलों में शरीर के विभिन्न अंगों की अहम् भूमिका होती है। अलग-अलग खेलों में अलग-अलग अंग कार्य करते हैं। यदि संबंधित अंग को निष्क्रिय कर दिया जाय तो उक्त खेल का आनंद संभव नहीं। उस खेल को सहज ही नहीं खेला जा सकता। इसीलिए तो घान्दी-मुन्दी में, दोनों हाथ को पंख की भांति फैलाना पड़ता है। नख्खी लोक खेल मे उंगलियों का काम होता है। उसी तरह पैर का भी विशेष स्थान है। वह है लंगरची। एक पैर को मोड़ कर खेलने की इस प्रक्रिया को ही 'लंगरची' कहते हैं। खिलाड़ी, कोई भी एक पैर को घुटने से पीछे की ओर मोड़ता है दूसरे पैर से उछल कर चलता है। इस समय शरीर का संपूर्ण भार एक ही पैर पर होता है। लंगरची केवल लड़कियों का खेल है अर्थात लंगरची से संबंधित सभी लोक खेल नारी खेल की श्रृंखला में आते हैं। लंगरची का उल्लेख दाम में भी हुआ है।

 

छत्तीसगढ़ में प्रचलित लंगरची की प्रक्रिया से संबंधित लोक खेल निम्नलिखित हैं -
1. लंगरची दौड़ 2. लंगरची छुअउल 3. कोयल 4. बिल्लस 

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